A Review Of bhairav kavach

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पातु शाकिनिकापुत्रः सैन्यं मे कालभैरवः ।

महाकालोऽक्षेत्रं श्रियं मे सर्वतो गिरा।

भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा

आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः

सम्भाव्यः सर्वदुष्टघ्नः पातु स्वस्थानवल्लभः ॥ २०॥

सम्पूजकः शुचिस्नातः भक्तियुक्तः समाहितः ।

जानू च घुर्घुरारावो जङ्घे रक्षतु रक्तपः

त्रिसन्ध्यं पठनाद् देवि भवेन्नित्यं महाकविः ॥ ३॥

हंसबीजं पातु हृदि सोऽहं रक्षतु पादयोः ॥ १९॥

 

ॐ ह्रीं click here बटुकाय सततं सर्वाङ्गं मम सर्वदा ॥

इसका जप कवच से पहले और बाद में ११ या २१ बार करें ॥

।। इति रुद्रयामले महातन्त्रे महाकाल भैरव कवचं सम्पूर्णम् ।।

आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।

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